Veena Pathak's articles
धरती की छाती पर हम जब कुछ दाने बिखरा दें तो वह धन्य धन्य हो जाती है उन नन्हे दानों के बदले सोना वह उपजाती है पर, उसी छाती पर जब हम पत्थर बिखराते हैं चीर कलेजा कोमल उसका सलाखों को सजाते हैं तब वह सिसक सिसक कर हमसे करती जाती मौन प्रार्थना मत करना […]