VGK Murty's articles
गुरु शब्द की व्याख्या जितने भी विद्वानों की, सबका आशय एक ही है। “गु” का अर्थ अंधकार और “रु” का अर्थ प्रकाश है। अर्थात वह व्यक्ति जो हमें अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश में ले आये उसे गुरु कहते हैं। यदि हम अपने सामान्य जीवन को देखें तो स्कूल में जिसने पहला अक्षर […]
पन्ना जिले मे हीरे की खदानें हैं, वहाँ के एक अत्यंत साधारण परिस्थिति वाले व्यक्ति ने सरकारी अनुमति लेकर एक स्थान पर खुदाई की । खुदाई में दुर्भाग्यवश कोई हीरा उसे नहीं मिला । किंतु खुदाई में एक बडा सा पत्थर मिला जिसमें गणेश जी जैसी आकृति दिख रही थी, वो उसे उठा लाया और […]
एक बार एक मालिक और नौकर चार ऊंठ लेकर एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश जा रहे थे । वे लोग जंगल के रास्ते से होते हुए एक गांव के निकट पहुंचे, शाम भी ढल चुकी थी, तब एक स्थान पर रात विश्राम करने के विचार से रुक गये। मालिक ने नौकर से कहा कि ऊंठों […]
संसार में हम और आप अनेक समस्याओं से झूझते रहते हैं। हम समस्या का हल खोजते हैं उससे मुक्त होते हैं फिर किसी अन्य समस्या में उलझ जाते हैं यह क्रम जीवनपर्यंत चलता ही रहता है। यदि हम यह सोचें कि संसार में उलझन ही उलझन है तो यह भी निश्चित है कि प्रत्येक समस्या […]
अक्सर हम दूसरों को Judge करते हैं और ये हमारी आदत बन गयी है। हमारी इस गंदी आदत के कारण हम कई बार दूसरों की मानसिकता का गलत निर्णय ले लेते हैं और सच्चाई जानने के बाद दुखी होते हैं । हम सब अत्यंत साधारण मनुष्य हैं, हम तो स्वयं को भी नहीं जानते फिर […]
हम आप सब जानते हैं कि जिस Building की नीव कमजोर हो, उस पर कितना ही सुंदर construction कर उसे कितना ही सजाया जाये सब बेकार ही है । हमारे वास्तविक प्रगति की सुंदर Building भी तब ही बन सकती है जब उसकी नीव मजबूत हो । मेरे विचार से हमारे प्रगति की नीव के […]
कभी-कभी किसी प्रकरण में ऐसे भी अवसर आते हैं जब Management सोच में पड जाता है और निर्णय लेना कठिन हो जाता है कि वास्तविक दोषी कौन है, जिसे दण्ड दिया जा सके। इसी बात पर आधारित एक कहानी में मैंने सुना । वह यह कि – एक बार एक प्रकरण में भगवान यम का […]
एक बार एक राजा एक संत के दर्शन करने पहुंचे । राजा ने कहा हे महात्मा ! मैं प्रजा के हित में अनेक निर्माण कार्य करता हूं , प्रजा का बहुत ध्यान रखता हूं । मैं चाहता हूं कि आप मुझे यह बताएं कि मेरी मृत्यु के बाद मेरी क्या गति होगी ? संत के […]
हम अक्सर किसी भी बाबा – बैरागी की सिद्धियों और करामात देखकर उससे आकर्शित हो जाते हैं कभी- कभी तो हम उसके भक्त भी बन जाते हैं । हम ये सोचते हैं कि यह शक्ति उसने सन्यास लेकर प्राप्त की है और यह हम जैसे परिवार वालों के बस की बात नहीं। कुछ हद तक […]
लगभग सभी बच्चों के मन में पांच- छ: वर्ष की उम्र से कम से कम 15 -16 वर्ष की उम्र तक अपने पिताजी के लिये यह भाव रहता है कि मेरे पिताजी जितना शक्तिशाली दूसरा कोई नहीं है। उनके पास प्रत्येक प्रश्न का उत्तर होता है वो सब कुछ जानते हैं। संतान के सुपर हीरो […]
हमने कक्षा छ: में एक श्लोक पढा था “ विद्या ददाति विनयं” ……. भावार्थ यह है कि – विद्या प्राप्त करने पर हमें ज्ञान प्राप्त होता है, जिससे नम्रता, सुशीलता, शिष्टता जैसे अच्छे गुण हम में आ जाते हैं । एक विनयशील या नम्र व्यक्ति ही सबका सम्मान कर सकता है। पूर्व काल में विद्या […]