कर्मफल से कैसे बचें ?

“जो बोओगे सो काटोगे” ये कहावत तो अपने –अपने जीवन में सबने सुनी ही होगी| इसी कहावत पर मुझे एक संस्मरण याद आता है — एक माता जी थीं जो चलते – चलते राह में फूल बिखेरते हुए चली जा रहीं थीं, तो एक राहगीर ने देखा, उसने आश्चर्यचकित होकर पूछा “माँ! आप ऐसा क्यों […]

बिना विचारे जो करे सो पीछे पछताये

आज दोपहर मै अपनी पत्नी के साथ बैठ कर बातें कर रहा था। मैनें कहा कोई कहानी सुनाओ ! चूंकि वो एक Primary School की teacher  है इसलिये उसने School की ही एक कहानी सुनाया जिसे आप लोगों के साथ भी शेयर करना चाहता हूं । एक कक्षा 5 की छात्रा एक दिन घर से […]

NEGATIVE COMPARISION

आज ही मेरे whatsApp पर किसी मित्र ने एक audio lecture के कुछ अंश भेजा । lecture, किसी कालेज के Principal का था । उन्होने जो कहा वो मै आप सब से share करना चाहता हूं क्योंकि निज विकास में कैसी कैसी बाधायें आती हैं जानना आवश्यक है। वो यह बताना चाह रहे थे कि- […]

श्रेष्ठ व्यवहार

साधारण ज्ञान तो सबके पास होता है ,परन्तु हमें अपने ज्ञान को विशुद्ध करना है, जिसके द्वारा हम अच्छी तरह से विचार विमर्श कर पायें कि क्या उचित है और क्या अनुचित है| परन्तु अक्सर होता यह है कि हमारे पिछले संचित संस्कारों का प्रभाव इतना अधिक होता है कि हम उचित अनुचित में भेद […]

विवेक का महत्व

कल शाम जब मैं अपनी सखी प्रज्ञा से मिलने गई, तो देखा कि वह तो बड़ी ही उदास सी बैठी हुई थी| अरे प्रज्ञा क्या हुआ? वह बोली भाभी देखिये न! आज तो मन बड़ा ही उदास सहो रहा है|अच्चा तो बताओ तुम्हारी अशांति का कारण क्या है? वह बोली मुझे तो लगता है कि […]

मार्ग दर्शक

कई वर्ष पूर्व जब मैं पहली बार अपनी बेटी के पास अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया गई थी, तो उस वक्त मुझे, मेरे और रिश्तेदारों से भी मिलने की इच्छा थी| वहाँ बेटी के घर से करीब ३० मील की दूरी पर मेरी भतीजी भी रहती थी, जिसने कुछ समय पूर्व ही अपना नया घर लिया था,सो […]

जागृति

मैं कल अपनी  एक परिचित महिला से मिलने गई थी, जो recently शिक्षा विभाग में उच्च पद पर आसीन थी, और retire हो गईं| वे अपने फ्लैट में अकेली ही रहती हैं| मैं समझ सकती हूँ इतने लम्बे समय तक कार्यरत रहने के बाद समय गुजारना कितना कठिन है| अब तक समयाभाव सिर्फ अपने काम […]

इच्छा शक्ति

आज सुबह जब मैं अपनी चाय का प्याला लेकर बैठी ही थी कि, इतने में एक phone call आया| देखा तो मेरे एक family friend की बेटी जो मुझे aunty कहकर संबोधित करती है, उसका कॉल था| न कोई दुआ न सलाम एकदम बोल पड़ी आंटी आज मैं बहुत दु:खी हूँ| मैंने कहा कि पहले […]

मानवता

आज मैं अपने ही बच्चों के साथ बैठी हुई थी | बातों बातों में एक ने कहा अरे! सुनो न माँ ! मुझे तो लगता है इस धरती पर मानवता तो है ही नहीं | मैंने पूछा,कि तुम्हें ऐसा क्यों लगा? तो श्याम ने कहा – आज ही मैंने देखा कि किसी ने बरैय्यों के […]

अनुशासन

एक दिन एक विद्यार्थी जो गर्मी की छुट्टियाँ बिताने मेरे घर आया हुआ था चूँकि मैं उसकी बुआ होने के साथ – साथ एक शिक्षिका भी हूँ तो उसके मन में जो-जो प्रश्न उठते उनको पूछा करता| एक दिन उसने पूछा कि अनुशासित होने का क्या तात्पर्य है? सभी यही कहते हैं कि जीवन में […]

उन्नति किसकी

आज मेरे बेटी की कुछ Friends मेरे घर पर आये, कुछ देर मैने भी उन सब से बात किया। आखिर मेरे पास उनसे बात करने का Topic ही क्या था! बस वही – बच्चों ! आगे क्या करना चाह रहे हो ? भविष्य का क्या प्लान बनाया है इत्यादि । उन के उत्तर कुछ इस […]

मधुर वाणी

मैं अपने घर के आँगन में बैठी हुई थी| मेरे पास कुछ बच्चे बैठे हुए थे| उनकी दृष्टि वहीं कुछ दूरी पर बैठे हुए पक्षियों पर पड़ी| कहने लगे (madam) मैडम देखिये न ये काले-काले पक्षी कौवे हैं न |मैंने कहा कि कला है तो कौवा ही हो ऐसा जरूरी नहीं| बच्चे पूछने लगे तो […]

श्रेष्ठ दान कैसे करें

व्यक्ति जितनी ही ऊँची श्रेणी का होगा उसका दान देने का तरीका उतना ही श्रेष्ठ होगा |आप सभी रहीम साहब को कवि  के नाम से तो जानते ही हैं ,परन्तु वे उच्च कोटि के संत थे |वे अपने दान देने के अनूठे तरीके के लिए प्रसिध्द थे |वे जब कभी किसी को दान देते थे […]

एक सोच का कमाल

कल एक भाई साहब आये और कहने लगे कि आप नकारात्मक सोच के बारे में बहुत कुछ लिखते हैं पर मै चाहता हूँ कि आप इसकी स्पष्ट व्याख्या करें| मैंने कहा भाई साहब ! आपके प्रश्न पूछने पर मुझे एक कहानी याद आ गयी और मै यह आशा करता हूँ कि यह कहानी “नकारात्मक सोच” पर अवश्य […]

सत्य का दर्शन– दिव्य नेत्र

एक अत्यंत मोहक प्राक्रतिक स्थल पर कुछ लोगप्राक्रतिक सौन्दर्य का आनंद ले रहे थे वहां एक कलाकार paintings का शौकीन अपने art से सम्बन्धी सब सामग्री लेकर आया और उसने वहां के प्राक्रतिक सौन्दर्य को अपनी कलाकारी से एक Canvas पर उतारना शुरू किया| थोड़ी ही देर में उसके इर्द – गिर्द कुछ लोग खड़े […]