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Satyam Patel's articles

अगर सचमुच आप अपने माता-पिता (parents) को सम्मान देना चाहते है तो इन बातों को जरुर पढ़िए और अपनाइए| हमारे लिए हमारे माता-पिता कितना कुछ करते है इसको हम शब्दों में ब्यान नहीं कर सकते, इसलिए ये हमारा फर्ज है कि हम भी उनके लिए कुछ करें: 1. उनको अच्छा समाचार जरूर बताएँ 2. उनके साथ […]

हमें अपने जीवन को हमेशा सकारात्मकत विचारों के साथ आगे ले जाना चाहिए| बहुत से लोग सोचते है ईश्वर ने मुझे कैसा जीवन दिया व कुछ ना कुछ कमी ही निकलते रहते और ईश्वर (गुरु) को बुरा-भला कहते रहते हैं| इसी बात पर मुझे एक कहानी याद आ रही है| एक समय की बात है, […]

अपने जीवन में हर कोई ख़ुश रहना चाहता है,परन्तु खुश रह नही पाता| कोई न कोई दुःख आ ही जाता है, तो हम अपने जीवन में खुश कैसे रहें, इस बात से मुझे एक story याद आ रही है| एक समय की बात है, एक गाँव में महान गुरु रहते थे| सभी लोग उनके पास […]

हम अक्सर प्रतिकूल परिस्थियों के कारण और कुछ प्रयासों के विफल हो जाने पर प्रयास करना छोड़ देते हैं| हम स्वयं को अपनी ही नकारात्मक सोच के बन्धनों में बाँध देते हैं और यह मानने लगते हैं कि हमारे प्रयास कभी सफल हो ही नहीं सकते|यह हमारी सोच के कारण ही होता हैं, पर जब […]

जीवन एक संघर्ष ही है एंव इसका सामना प्रत्येक व्यक्ति को करना होता हैं मुसीबतों से भागना, नयी मुसीबतों को निमंत्रण देने के समान है| जीवन में समय-समय पर चुनौतियों एंव मुसीबतों का सामना करना पड़ता है यही जीवन का सत्य है| एक कहावत है – “A smooth sea never made a skilful mariner”. “एक […]

कहा जाता है माँ के आगे स्वर्ग भी फीका है, माँ अपना सब कुछ त्याग कर भी अपने बच्चो को पलती है, कहते है माँ भगवन से भी बढकर है| इसी बात पर से मुझे एक स्वामी विवेकानंद जी की Story याद आ रही है जो मै आप सभी को सुनना चाहता हू| स्वामी विवेकानंद […]

यदि हम किसी राह पर आगे बढ़ना चाहते हों, और उस राह पर प्रकाश न हो तो हमें कदम कदम पर डर लगने लगता है, तरह-तरह के विचार आने लगते हैं कि कहीं ऐसा हुआ तो? कहीं वैसा हुआ तो? इसके विपरीत यदि पूरे आर्ग में उजाला हो तो हम बड़े ही निडर होकर बिना […]

परोपकार करते समय मन में ऐसी भावना लाना कि इससे मुझे यश मिलेगा, प्रतिष्ठा बढ़ेगी, या आगे चल के धन हाथ आएगा, परोपकार नहीं पाखण्ड है| ऐसा व्यक्ति परोपकार की आड़ में अपना स्वार्थ साधना चाहता है |परोपकारी-जीवन बनाए बिना, हम उस सर्वशक्तिमान की दया के पात्र भी तो नहीं बन सकते, परन्तु परोपकार नि:स्वार्थ […]

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