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Vijayalaxmi Seshadri's articles

 सृष्टि में, मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जिसे कितना ही मिल जाए कभी संतुष्ट नहीं होता| यह बात आश्चर्यजनक परन्तु सत्य है, कभी यह मानने को ही तैयार नहीं है कि वह सुखी है, जबकि उसके पास मकान, धन, वस्त्र सब कुछ है| एक बार भगवान् ने यक्ष को बुलाकर कहा कि तुम मृत्युलोक में […]

हम आप सभी किसी न किसी रूप में ईश्वर की पूजा करते हैं । किसी का मूर्ति में विश्वास तो किसी का निराकार शक्ति पर । कोई माता-पिता को ही ईश्वर मानते  हैं तो कोई दीनों – दुखियों की सेवा को ही ईश्वर की पूजा मानते हैं । किंतु यह निश्चय है कि प्रत्येक व्यक्ति […]

*एक बार जरूर पढ़ें..* *एक शख्स गाड़ी से उतरा.. और बड़ी तेज़ी से एयरपोर्ट में घुसा , जहाज़ उड़ने के लिए तैयार था , उसे किसी कांफ्रेंस मे पहुंचना था जो खास उसी के लिए आयोजित की जा रही थी….. *वह अपनी सीट पर बैठा और जहाज़ उड़ गया…अभी कुछ दूर ही जहाज़ उड़ा था […]

यदि किसी को अपना सर्वस्व मान लिया है, तो उसकी हर बात पर हमें पूर्ण विश्वास रखना होगा| जिस प्रकार एक छोटे बालक को हवा में बड़ी ऊंचाई पर उछाला जाता है तो वह जोर जोर से हँसता है, कारण यह कि उसे अपने पिता पर पूर्ण विश्वास होता है कि वे उसे गिरने न […]

दिए हुए वचन को निभाने का फल यदि हमें यह विश्वास हो जाए कि दिए हुए वचन को निभाने की क्षमता हममे है, तो ही हमें किसी को वचन देना चाहिए, अन्यथा अगले व्यक्ति की दृष्टि में और हम अपनी खुद की दृष्टि में ही गिर जायेंगे| वचन निभाने का परिणाम भी बड़ा ही सुखद […]

बनारस प्राचीन काल से ही विश्वनाथजी के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है| एक दिन वहां के पुजारी जी को स्वप्न आया कि तुम धर्मात्माओं की बैठक बुलाओ, और असली धर्मात्मा को यह स्वर्ण पत्र दे दो| पुजारी जी ने ढिंढोरा पिटवा दिया, जिससे सभी जो अपने आप को धर्मात्मा समझते थे या फिर वे जिन्हें […]

मनुष्य का शरीर मिलने मात्र से हम मनुष्य, मानव या इंसान नहीं कहला सकते| कुछ विशेष गुणों की आवश्यकता होती है, जिनकी उपस्थिति के कारण हम मानव कहला सकते हैं| मानवता, मनुष्य का सबसे सुन्दर गुण है जिसकी उपस्थिति के कारण वह लोकप्रिय हो जाता है| वे गुण हैं–परोपकार की भावना, दूसरों की वस्तुओं को […]

अक्सर हम अपने जीवन में देखते ही हैं कि लोग दूसरों को बड़ी ही आसानी से उपदेश दे जाते हैं, कि अरे! ऐसा करना चाहिए, या ऐसा नहीं करना चाहिए, परन्तु जब अपनी ख़ुद की बारी आये तो उसे अमल नहीं कर पाते| इसी बात पर मुझे एक घटना याद आ रही है| एक साधु […]

व्यक्ति के अन्दर आत्मविश्वास होना बहुत ही आवश्यक है,आत्मविश्वास ही है जो मनुष्य को कठिन से कठिन परिस्तिथियों से भी बाहर निकाल देता है, इसी बात पर मुझे एक story याद आ रही है जो में आपको सुनना चाहता हु.. एक बार एक व्यवसायी पूरी तरह से कर्ज से डूब गया था और उसका व्यवसाय […]

अक्सर यह देखने में आता है कि लोग ये भूल जाते हैं कि पहले हमें अपना कर्त्तव्य पूरा करना है, अधिकार और हक की बात तो बाद में आती है| इसी बात पर मुझे एक दृष्टांत याद आ रहा है| एक गाँव में एक मालगुजार था| उसके कई business थे| अनाज का भी अच्छा व्यापार […]

जब कभी भी कोई व्यक्ति हमें कोई दूर की चीज दिखाना चाहता है तो अक्सर हम उसे छोड़ इर्द गिर्द की चीजों को ही देख लेते हैं| जब निशाना लगाने की परीक्षा गुरु द्रोणाचार्य जी द्वारा ली गई थी तब अर्जुन को छोड़ बाकी सब को लक्ष्य को छोड़ आस–पास की सारी चीज़ें दिखाई दे […]

जीवन में एक समय ऐसा भी आता है जब किसी व्यक्ति की चाह ख़त्म हो जाती है| ऐसी बात पर हरेक व्यक्ति विश्वास भी नहीं कर सकता है| परन्तु यह सत्य है कि कुछ लोगों के जीवन में ऐसा अवसर आता है| इस बात पर मुझे एक घटना याद आ रही है| एक बार स्वामी […]

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