तुम कर सकते हो !

हम आप सब जानते हैं कि जिस Building की नीव कमजोर हो, उस पर कितना ही सुंदर construction कर उसे कितना ही सजाया जाये सब बेकार ही है । हमारे वास्तविक प्रगति की सुंदर Building भी तब ही बन सकती है जब उसकी नीव मजबूत हो । मेरे विचार से हमारे प्रगति की नीव के […]

बनने और होने में अंतर

दिखावा शब्द सुनते ही हमें बड़ा अजीब सा महसूस होता है| हम सब यही चाहते हैं कि जो अन्दर हो वही बाहर हो अर्थात् बातों में बनावटीपन न हो, कोई दिखावा न हो, हमारे पहनावे से तो हम विरक्त और फ़कीर लगें परन्तु हममे उन भावों का अभाव हो, यह बिलकुल ठीक नहीं| कई बार […]

सकारात्मक सोच (भाग-2)

हमें अपने जीवन को हमेशा सकारात्मकत विचारों के साथ आगे ले जाना चाहिए| बहुत से लोग सोचते है ईश्वर ने मुझे कैसा जीवन दिया व कुछ ना कुछ कमी ही निकलते रहते और ईश्वर (गुरु) को बुरा-भला कहते रहते हैं| इसी बात पर मुझे एक कहानी याद आ रही है| एक समय की बात है, […]

दिए हुए वचन को निभाने का फल

दिए हुए वचन को निभाने का फल यदि हमें यह विश्वास हो जाए कि दिए हुए वचन को निभाने की क्षमता हममे है, तो ही हमें किसी को वचन देना चाहिए, अन्यथा अगले व्यक्ति की दृष्टि में और हम अपनी खुद की दृष्टि में ही गिर जायेंगे| वचन निभाने का परिणाम भी बड़ा ही सुखद […]

आत्मविश्वास

व्यक्ति के अन्दर आत्मविश्वास होना बहुत ही आवश्यक है,आत्मविश्वास ही है जो मनुष्य को कठिन से कठिन परिस्तिथियों से भी बाहर निकाल देता है, इसी बात पर मुझे एक story याद आ रही है जो में आपको सुनना चाहता हु.. एक बार एक व्यवसायी पूरी तरह से कर्ज से डूब गया था और उसका व्यवसाय […]

सकारात्मक सोच

हमें अपने जीवन में सकारात्मक सोच ( Positive attitude) के साथ सभी कार्य करना चाहिए, समस्याएं तो हर एक के जीवन में होती है इससे हम अपनी सकारात्मत सोच के साथ बहुत आसानी से बाहर आ सकते है इसी बात पर मुझे एक बात याद आ रही है.. एक घर के पास काफी दिन से […]

प्रेम

प्रेम की स्थिति, बड़ी ही ऊँची स्थिति है और अंतिम स्थिति है| प्रेम के आवेश में आ जाने पर मनुष्य की स्थिति दीवाने जैसी हो जाती  है, उसे प्रेमपात्र के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं देता| जिधर भी नज़र जाए अपने प्यारे की ही मूर्ति दिखाई पड़ती है, जैसा कि कहा गया – जिधर देखता […]