बिना विचारे जो करे सो पीछे पछताये

आज दोपहर मै अपनी पत्नी के साथ बैठ कर बातें कर रहा था। मैनें कहा कोई कहानी सुनाओ ! चूंकि वो एक Primary School की teacher  है इसलिये उसने School की ही एक कहानी सुनाया जिसे आप लोगों के साथ भी शेयर करना चाहता हूं ।

एक कक्षा 5 की छात्रा एक दिन घर से निकल कर पैदल स्कूल जा रही  थी ।  सडक पर आते ही उसने देखा कि एक दादा जी सडक पर गिरे हुए हैं, जहां – तहां चोट लगी है, खून बह रहा है किंतु उन्हे कोई उठा नहीं रहा था। उसने रोते हुए शोर मचाना शुरू कर दिया कि मेरे दादा जी को कोई गिरा दिया है चोट लग गयी है । शोर सुनकर कुछ लोग रुके और एक सयकिल रिक्शे को रोक कर दादा जी को उसमें बैठा दिया। बच्ची भी साथ बैठ गयी और उन्हे अस्पताल ले गयी। अस्पताल पहुंच कर बच्ची अंदर गयी और वहां जो लोग थे उनसे बोली कि मेरे दादा जी रिक्शे में हैं उन्हें अंदर लाना है। लोगों की मदद से दादा जी को Admit किया गया। इस के बाद बच्ची स्कूल गयी और एक घंटा late  पहुंची ।  teacher ने ज्यों ही देखा , बस डांटना शुरू कर  दिया । वो कुछ कहना चाह रही थी किंतु teacher तो कुछ भी सुनने को तैयार नहीं बस punishment  दे डाला कि बाहर ground की घास उखाडो । बच्ची चुपचाप ground की घास उखाड ने में लग गयी। शाम को जब teacher बाहर निकली तो देखा कि बच्ची तब भी  घास उखाड रही थी। Madam रो पडी कि अरे! ये क्या कर दिया मैने? मै तो punishment  देकर भूल गयी। ये बेचारी दिन भर धूप में रह गयी और काम करती रही। उसे बुला कर बहुत प्यार किया और  उसको toffee खिला कर बोली बेटी ! जाओ घर जाओ। बच्ची दौडते हुए फिर Hospital  गयी और दादा जी के पास बैठ गयी । वो बेहतर थे। Madam  भी आगे बढी ही थी कि उनके Mobile की घंटी बजी। Madam का Hospital से  phone आया कि आप के पापा यहां Admit हैं आप जल्दी आ जाइये। Madam ज्यों ही वहां पहुंची अपनी छात्रा को वहां देख कर आश्चर्य में पड गयी और पूछी कि तुम यहां कैसे आयी? कोई Admit है क्या? Doctor  बोले Madam आज ये बच्ची इन को सुबह यहां लेकर नहीं आती तो आज आपके  पापा शायद जीवित न   होते ।  teacher उसकी बिना सुने ही Judgmental  होकर उसे punish करने के लिये बहुत पछता रही थी ।

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